चीन पर अमेरिकी टैरिफ का असर, डोनाल्ड ट्रंप की लगातार चेतावनी

चीन मुश्किल में है. अमेरिका से उसपर टैरिफ की मार पड़ रही है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार चेतावनी दे रहे हैं. उधर, यूक्रेन में रूस के लिए लड़ते हुए उसके दो सैनिक पकड़े गए हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने ये दावा किया है. इन घटनाक्रम के बीच चीन को भारत की याद आई है. उसने कहा है कि चुनौतियों से बाहर निकलने के लिए चीन और भारत को साथ काम करना चाहिए.
अमेरिका-चीन के बीच टैरिफ वार
चीन और अमेरिका मे टैरिफ को लेकर जंग छिड़ी हुई है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को चीन के सामानों पर 104 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की. ट्रंप के इस ऐलान के बाद बीजिंग ने अमेरिका की आक्रामकता के खिलाफ अंत तक लड़ने की कसम खाई है.
ट्रंप ने मूल रूप से चीन के सामनों पर 34 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया था. इसके बाद चीन ने भी अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ की घोषणा की. वार और पलटवार के बीच अमेरिका ने टैरिफ को बढ़ा दिया और 50 प्रतिशत कर दिया. बीजिंग ने अमेरिका के इस कदम की कड़ी निंदा की और अंत तक इससे लड़ने की कसम खाई.
चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग ने कहा, उनका देश किसी भी झटके का पूरी तरह से सामनाकरने में सक्षम है. उन्होंने कहा कि चीन की दृढ़ प्रतिक्रिया न केवल अपने हितों की रक्षा के लिए है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों की रक्षा के लिए भी है.
यूक्रेन में पकड़े गए चीन के दो सैनिक
चीन अभी अमेरिका से टैरिफ की लड़ाई लड़ ही रहा था कि यूक्रेन में उसके दो सैनिक पकड़े गए हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने कहा कि उनकी सेना ने दो चीनी सैनिकों को पकड़ा है, जो पूर्वी यूक्रेन के डोनेट्स्क क्षेत्र में रूसी सेना की ओर से लड़ रहे थे. उन्होंने कहा कि उनके पास पहचान पत्र, बैंक कार्ड और व्यक्तिगत डेटा पाए गए हैं.
जेलेंस्की ने कहा कि हमारे पास ऐसी जानकारी है जो बताती है कि इन दो के अलावा और भी कई चीनी सैनिक हैं. हम वर्तमान में सभी तथ्यों की पुष्टि कर रहे हैं. खुफिया, यूक्रेन की सुरक्षा सेवा और सशस्त्र बलों की इकाइयां इस पर काम कर रही हैं.
फरवरी 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से रूस और चीन ने राजनीतिक, सैन्य और आर्थिक सहयोग को बढ़ाया है. हालांकि, चीन का कहना है कि वह जंग में तटस्थ है. उसने कहा कि उसने अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के विपरीत किसी भी पक्ष को सहायता नहीं भेजी है.
चीन को आई भारत की याद
टैरिफ और यूक्रेन के मोर्चे पर मात खाने के बाद चीन को भारत की याद आ रही है. उसने कहा है कि चीन और भारत साथ मिलकर टैरिफ जैसी चुनौतियों से बाहर निकल सकते हैं. भारत में चीनी दूतावास के प्रवक्ता यू जिंग ने कहा, चीन की अर्थव्यवस्था एक ऐसी प्रणाली पर आधारित है जो स्थिर विकास सुनिश्चित करती है और देश आर्थिक वैश्वीकरण का एक मजबूत समर्थक है, जो औसतन वैश्विक विकास में 30% का योगदान देता है.
उन्होंने कहा कि चीन-भारत आर्थिक और व्यापारिक संबंध पारस्परिक लाभ पर आधारित हैं. दो सबसे बड़े विकासशील देशों को कठिनाइयों को दूर करने के लिए एक साथ खड़ा होना चाहिए.