तेज म्यूजिक, डांस, शराब और ड्रग का नशा शबाब पर था. हर कोई अपने में मदहोश था और अचानक रंग में भंग पड़ गया. पुलिस ने छापा मारा और पूरी पार्टी तहस-नहस हो गई. कोई इधर भागा, कोई उधर भागा, लेकिन पुलिस के चंगुल से बच नहीं पाया. आखिरकार उन्हें पुलिस के सामने सरेंडर करना पड़ा. पुलिस ने सभी को जब लाइन में खड़ा किया और उनसे पूछताछ की तो उसके होश उड़ गए. दरअसल, ये रंगरलियां पाकिस्तान के कसूर में मनाई जा रही थीं.

पुलिस ने एक फार्महाउस पर छापा मारा था, जहां रेव पार्टी चल रही थी. इस पार्टी में 55 युवाओं को हिरासत में लिया गया, जिसमें 30 लड़के और 25 लड़कियां शामिल थीं. अधिकारी इन सभी को पूछताछ के लिए मुस्तफाबाद पुलिस स्टेशन ले गए. पुलिस अधिकारियों ने पूछताछ के पुष्टि की कि पकड़े गए लोगों में से कई पाकिस्तान सेना के सीनियर अधिकारियों और पीएमएल-एन पार्टी के नेताओं के बच्चे शामिल हैं.

लड़कियों की तस्वीरों को लेकर उठे सवाल
छापे के बाद गिरफ्तार युवाओं का एक वीडियो बनाया गया, जिसमें लड़कियां दिखाई दे रही हैं. ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. क्लिप में देखा गया है कि पुलिस ने लड़कियों को लाइन में खड़ा किया और उनका वीडियो बनाया. दावा किया जा रहा है कि अधिकारियों ने गिरफ्तार लोगों को कैमरे की तरफ देखने के लिए मजबूर किया. वीडियो वायरल होने के बाद लोगों ने पुलिस के ऊपर निजता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया.

कसूर के जिला पुलिस अधिकारी (डीपीओ) ईसा खान ने इस मामले को लेकर आंतरिक जांच का आदेश दे दिए हैं. जांच के दौरान पाया गया है कि दो अधिकारियों ने बिना इजाजत के गिरफ्तार लोगों का वीडियो बनाया, जिसके चलते डीपीओ ने स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) और जांच अधिकारी (आईओ) दोनों को सस्पेंड कर दिया.

फार्महाउस से शराब और साउंड जब्त
रेव पार्टी पर छापा मारने वाली टीम का मुस्तफाबाद एसएचओ सकलैन बुखारी ने नेतृत्व किया था. ये कार्रवाई उन्होंने डीपीओ ईसा खान के आदेश पर की थी. अधिकारियों ने ऑपरेशन के दौरान फार्महाउस से शराब और तेज आवाज वाले साउंड जब्त किए हैं. छापेमारी के बाद कसूर पुलिस ने एक बयान जारी किया. इसमें गिरफ्तार आरोपियों की ब्लर तस्वीरें और जब्त की गई सामग्री लिस्ट जारी की.