हज कोटे को लेकर एक बार फिर विवाद चल रहा है. सऊदी अरब की ओर से इस साल भारत के प्राइवेट हज कोटे में कथित तौर पर कटौती करने की चिंताओं के बीच, सरकार ने कहा कि कंबाइंड हज ग्रुप ऑपरेटर्स (CHGOs) सऊदी अधिकारियों की याद दिलाने के बावजूद निर्धारित आवश्यक समयसीमा का पालन करने में नाकाम रहे हैं. इस बीच कई मुस्लिम संगठनों ने पीएम नरेंद्र मोदी से गुजारिश की है कि कटौती को लेकर वो इसमें हस्तक्षेप करें.

सरकार की ओर से यह बताया गया कि उसके हस्तक्षेप के बाद ही, सऊदी हज मंत्रालय मीना में मौजूदा स्थान की उपलब्धता के आधार पर 10,000 तीर्थयात्रियों के संबंध में अपना काम पूरा करने को सीएचजीओ के लिए हज पोर्टल को फिर से खोलने पर राजी हो गया है.

52 हजार कोटा प्राइवेट टूर ऑपरेटर्स के पास
अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय (MoMA) भारत की हज समिति के जरिए भारत को आवंटित 1,75,025 कोटे के बड़े हिस्से की व्यवस्था करता है, जो चालू वर्ष में 1,22,518 है. जबकि शेष 52,507 कोटे प्राइवेट टूर ऑपरेटरों को आवंटित किए गए हैं. मंत्रालय ने कहा कि उसकी कोशिशों की वजह से ही भारत के लिए हज कोटा आवंटन जो साल 2014 में 1,36,020 था, धीरे-धीरे बढ़कर 2025 तक 1,75,025 हो गया है.

ये कोटा सऊदी अधिकारियों द्वारा धार्मिक यात्रा शुरू होने से तुरंत पहले अंतिम रूप दिया जाता है. बयान में कहा गया है, “भारत की हज समिति के जरिए अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय (MoMA) भारत को आवंटित कोटे के बड़े हिस्से की व्यवस्था करता है, जो चालू वर्ष में 1,22,518 है. इसके तहत उड़ान कार्यक्रम, परिवहन, मीना कैंप्स, रहने की व्यवस्था और अतिरिक्त सेवाओं सहित सभी जरूरी व्यवस्थाएं सऊदी की मांग के अनुसार दी गई समयसीमा के अंदर पूरी कर ली गई हैं.”

सऊदी प्रशासन ने क्यों की कटौती
भारत को आवंटित कोटे का शेष हिस्सा, प्राइवेट टूर ऑपरेटर्स को आवंटित किया गया है. सऊदी दिशा-निर्देशों में बदलाव की वजह से इस साल मंत्रालय द्वारा 800 से अधिक प्राइवेट टूर ऑपरेटरों को 26 कानूनी संस्थाओं में मिला दिया गया, जिन्हें कंबाइंड हज ग्रुप ऑपरेटर्स (CHGO) कहा जाता है. तैयारी करने में ज्यादा दिक्कत न आए इसके लिए मंत्रालय की ओर से इन 26 CHGO को काफी पहले ही हज कोटा आवंटित कर दिया गया था.

सरकार की ओर से बयान में कहा गया, “हालांकि, रिमाइंडर देने के बाद भी, वे सऊदी अधिकारियों द्वारा निर्धारित जरूरी समयसीमा का पालन करने में नाकाम रहे और सऊदी नियमों के तहत परिवहन, तीर्थयात्रियों के लिए ठहरने की व्यवस्था और कैंप्स सहित सभी जरूरी अनिवार्य अनुबंधों को अंतिम रूप नहीं दे सके.” बयान में यह भी कहा गया है कि भारत सरकार इस मामले पर मंत्री स्तर सहित संबंधित सऊदी अधिकारियों के साथ लगातार बातचीत कर रही है.

सरकारी हस्तक्षेप के बाद फिर से खुला पोर्टल
दूसरी ओर, सऊदी हज मंत्रालय ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए अपनी चिंताओं को उजागर किया, खासतौर से मीना में, जहां हज अनुष्ठान अत्यधिक गर्मी के बीच सीमित स्थान पर पूरे किए जाने हैं.

यह भी बताया गया कि देरी की वजह से मीना में उपलब्ध स्थान अब खाली नहीं है. सऊदी अधिकारियों ने आगे बताया है कि वे इस साल किसी भी देश के लिए समयसीमा नहीं बढ़ा रहे हैं. हालांकि सरकार के हस्तक्षेप के बाद सऊदी हज मंत्रालय ने मीना में मौजूदा स्थान की उपलब्धता के आधार पर 10,000 तीर्थयात्रियों के संबंध में अपना काम पूरा करने के लिए सभी सीएचजीओ के लिए हज पोर्टल (Nusuk Portal) को फिर से खोलने पर सहमति व्यक्त की है.”

मंत्रालय ने अब सीएचजीओ को तत्काल ऐसा करने के निर्देश भी जारी कर दिए हैं. बयान में कहा गया है कि भारत हज में अधिक से अधिक तीर्थयात्रियों को समायोजित करने के लिए सऊदी अधिकारियों की ओर से उठाए गए किसी भी कदम की स्वाभाविक रूप से सराहना करेगा.

कोटे में कटौती पर विपक्ष जता रहा चिंता
सऊदी अरब की ओर से हज जाने वाले भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए 52,000 से अधिक हज स्लॉट रद्द किए जाने की रिपोर्ट के बाद विपक्ष के कई नेताओं ने चिंता जताई और केंद्र सरकार से इस मामले को सऊदी अरब के सामने उठाने का अनुरोध किया था.

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, “52,000 से अधिक भारतीय तीर्थयात्रियों, जिनमें से कई ने पहले ही पेमेंट कर लिया है, के लिए हज स्लॉट रद्द किए जाने की रिपोर्ट बहुत चिंताजनक है. मैं विदेश मंत्री एस जयशंकर से अनुरोध करता हूं कि वे सभी प्रभावित तीर्थयात्रियों के हित में समाधान खोजने के लिए जल्द से जल्द सऊदी अधिकारियों से संपर्क करें.” वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस संबंध में सऊदी नेतृत्व से बात करने की अपील की है.