गोरखपुर: पेशकार का इस्तीफा, कर्मचारियों ने किया काम का बहिष्कार
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एक गाली बाज तहसीलदार इन दिनों लगातार चर्चा में है। अभी कुछ माह पहले उसने एक पत्रकार के साथ गाली-गलौज करते हुए बदतमीजी की थी। इसके बाद उसका तबादला अन्य जगह कर दिया गया था। लेकिन चार्ज पाते ही दोबारा अपने ही एक कर्मचारी पेशकार के साथ गाली गलौज की घटना को अंजाम देने के बाद से कर्मचारियों में उसके खिलाफ बेहद आक्रोश है। कर्मचारी कार्य बहिष्कार के साथ आंदोलन पर जाने की धमकी दे रहे हैं। वहीं पीड़ित पेशकार ने अपना इस्तीफा डीएम को सौंप दिया है।
गोरखपुर के खजनी तहसील में तहसीलदार द्वारा एसडीम के पेशकार के साथ गाली-गलौज और बदतमीजी करने का मामला सामने आया है। घटना के बाद से जहां पेशकार मर्माहत है और उन्होंने अपना इस्तीफा जिला अधिकारी को सौंप दिया है। वहीं कर्मचारियों में इस घटना के बाद से आक्रोश का माहौल है। इसको लेकर उन्होंने प्रदर्शन करते हुए तत्काल तहसीलदार के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। अन्यथा कार्य का बहिष्कार के साथ ही आंदोलन पर जाने की धमकी दी है। बता दें की खजनी तहसील में तैनात तहसीलदार ध्रुवेश कुमार सिंह जो पहले से विवादित रहे हैं, उन्होंने एक बार फिर अपना पूर्ण रवैया दिखाते हुए एसडीएम के तहसीलदार सुशील कुमार श्रीवास्तव को अपने कोर्ट में बुलाकर गाली गलौज की और दोबारा उनके कार्यालय में जाकर फिर से बदतमीजी की।
मामला जानिए
इस बारे में पीड़ित सुशील कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि मामला सिर्फ इतना था कि तहसीलदार कोर्ट से एक नामांतरण वाद एसडीएम पोर्टल पर स्थानांतरित किया गया था। इसके बारे में एसडीएम साहब ने जब मुझसे पूछा तो मैंने तहसीलदार कोर्ट से उसे यहां भेजे जाने की बात कही और कहा कि इसे निर्देशानुसार फिर वापस भेज दिया जाएगा। ऐसा करने के बाद तहसीलदार ने मेरे साथ गाली-गलौज की। इसके साथ ही मेरे चेंबर में आकर मुझे भद्दी भद्दी गालियों से नवाजा और धमकी दी।
पीड़ित ने कहा
पीड़ित सुशील कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि अब मेरे मन में सर्विस करने का उत्साह नहीं रहा। इसी वजह से मैंने जिला अधिकारी महोदय को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। घटना के बाद से कर्मचारी संगठन में रोष है। शुक्रवार को कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा के नेतृत्व में कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार करने के साथ ही प्रदर्शन किया। उनकी मांग है कि तत्काल गालीबाज तहसीलदार के खिलाफ कार्रवाई की जाए। अन्यथा हम आगे भी कार्य बहिष्कार के साथ आंदोलन पर जाने को बाध्य होंगे।