यूक्रेन में पकड़े गए चीनी सैनिकों ने रूस, व्लादिमीर पुतिन और अपने देश चीन को लेकर बड़ा खुलासा किया है. पकड़े गए चीनी सैनिकों का कहना है कि रूस ने उन्हें मारने की तैयारी कर ली थी, इसलिए वे लोग सरेंडर कर गए. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दोमीर जेलेंस्की ने खुद इन चीनी सैनिकों से पूछताछ की है.

चीनी सैनिकों में से एक हेनान और दूसरा जियांग्शी प्रांत का रहने वाला है. दोनों की भर्ती रूसी सैनिकों के अनुबंध के तहत की गई है. दोनों पिछले कई महीनों से युद्ध के मोर्चे पर तैनात थे.

सरेंडर से पहले मारने की साजिश
पकड़े गए चीनी सैनिकों में से एक ने जेलेंस्की को बताया कि हम दोनों के साथ एक रूसी सैनिक सरेंडर करना चाहता था. इसकी भनक रूस की सेना को लग गई. खबर मिलते ही रूस की सेना ने हमें मारने की कोशिश की. वे लोग हम पर बम भी फेंके, लेकिन हम बच गए.

चीनी सैनिकों का कहना है कि वे पहले कभी युद्ध के मोर्चे पर नहीं गए. पहली बार उन्हें रूस में युद्ध के मोर्चे पर भेजा गया. इन सैनिकों का कहना है कि उन्हें नहीं पता था कि रूस की सेना इतनी क्रूर सेना है.

चीन के लोग पैसे के चक्कर में आ रहे
यूक्रेनी सेना के गिरफ्त में आए चीनी सैनिकों का कहना था कि चीन में नौकरी की संकट है. यही वजह है कि लोग यहां से उन जगहों पर जा रहे हैं, जहां पैसे और भविष्य की संभावनाएं उन्हें दिख रही है. चीन से बेहतर देश की तलाश में लोग जा रहे हैं. हम दोनों भी इसी कोशिश में रूस आए थे.

रूस के लिए लड़ने पर ज्यादा पैसे मिलते हैं. यही वजह है कि चीन के अधिकांश लोग रूस के लिए जंग लड़ रहे हैं. जेलेंस्की का कहना है कि चीन के 160 से ज्यादा सैनिक जंग के मैदान में डटे हुए हैं. सैनिकों का कहना है कि जिनपिंग की सरकार इसे रोकने में कोई दिलचस्पी नहीं ले रही है.

जेलेंस्की के मुताबिक रूस के समर्थन में चीन, उत्तर कोरिया और ईरान के सैनिक जंग लड़ रहे हैं. यूक्रेन ने चीन से संपर्क कर इस पर सफाई देने के लिए कहा है. यूक्रेन ने इसे पीठ के पीछे खंजर मारने का आरोप लगाया है.