अशोक गहलोत : वसुंधरा राजे सिर्फ अपने जिले की नहीं, पूरे राजस्थान की बात करें
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वसुंधरा राजे के अफसरों के प्रति नाराजगी जताने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि राजे को पूर् राजस्थान के बारे में बात करनी चाहिए. ना कि सिर्फ अपने गृह जिले की. गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार ने ईआरसीपी जैसी योजनाओं में राजे के प्रस्तावों को बिना भेदभाव आगे बढ़ाया था.
अशोक गहलोत ने कहा कि वसुंधरा राजे को बड़ा दिल दिखाते हुए समूचे राजस्थान के विकास की बात करनी चाहिए. अब अगले 11 साल तक कुछ होगा या नहीं. ये भी स्पष्ट नहीं है. उन्होनें राजे से प्रदेश की भलाई पर ध्यान देने की अपील की है. अशोक गहलोत ने कहां की राजनीतिक ईमानदारी है तो वसुंधरा राजे को ईआरसीपी के बारे में प्रेस कॉफ्रेंस कर इस बारे में बताना चाहिए.
दरअसल झालावाड़ में पानी की भारी किल्लत है. वसुंधरा राजे जब झालावाड़ गयी थी तो रायपुर में राजे से लोगों ने पानी नहीं होने की शिकायत की तो राजे ने तख्त तेवर दिखाते हुए संबंधित विभाग को फटकारा. राजे ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर दो पोस्ट किए जिसमें अफसरों के कामकाज पर सवाल उठाते हुए लिखा कि क्या जनता को प्यास नहीं लगती है. सिर्फ आप अफसरों को ही लगती है.
वसुंधरा राजे ने ये भी लिखा था कि पीएम ने 42 हजार करोड़ जल जीवन मिशन में दिए है. पाई पाई का हिसाब दो कि झालावाड़ के हिस्से की राशि का आपने क्या किया. पेयजल सकंट निवारण के लिए हमारी सरकार तो पैसा दे रही है. लेकिन अफसर योजनाओं की क्रियांवति नहीं कर रहे. इसलिए राजस्थान में लोग प्यास से व्याकुल है. ये तो अप्रैल का हाल है. जून जुलाई में क्या होगा ? गर्मी में पेयजल सकंट के कारण जनता त्रस्त है.
राजे ने लिखा कि अफसर तृत्प है. पानी कागजों में नहीं, लोगों के होठों तक पहुंचे. अफसर सो रहे हैं लोग रो रहे हैं. मैं ऐसा नहीं होने दूंगी. राजे की पोस्ट का असर केंद्र सरकार तक पहुंचा और तत्थात्मक रिपोर्ट मांगी गयी इधर राजस्थान में भजनलाल सरकार की तरफ संबंधित विभाग से जवाब मांगा गया और एक्शन लिया या.