टैरिफ वॉर के बीच ट्रंप की उम्मीद—‘चीन से ट्रेड डील संभव’

अमेरिका-चीन के बीच टैरिफ वॉर अपने चरम पर पहुंच गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप टैरिफ पर अब तक 75 से अधिक देशों को 90 दिनों की राहत दे चुके हैं, लेकिन चीन पर 145 प्रतिशत का टैरिफ लगाया है. हालांकि इस ट्रेड वॉर के बीच ट्रंप ने चीन के साथ समझौते की उम्मीद जताई है. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप चीन के साथ व्यापार समझौते (ट्रेड डील) के लिए आशावादी हैं.
बता दें कि समझौते की यह बात दोनों आर्थिक दिग्गजों के बीच बढ़ते ट्रेड वॉर के बीच कही गई है, जिसने बाजारों को प्रभावित किया है. कैरोलिन लेविट ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि राष्ट्रपति ने यह साफ कर दिया है कि वह चीन के साथ समझौते के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि अगर चीन जवाबी कार्रवाई जारी रखता है, तो यह उसके लिए अच्छा नहीं है.
चीन पर 145 प्रतिशत टैरिफ
ट्रंप के बीजिंग से संपर्क न करने के बारे में पूछे जाने पर, लेविट ने कहा कि हमेशा की तरह हम पारदर्शिता के साथ आगे बढ़ते हुए अपडेट प्रदान करेंगे. वहीं एक रिपोर्टर ने पूछा कि बीजिंग का कहना है कि वह अमेरिका की ओर से किसी भी तरह के टैरिफ बढ़ोतरी को अनदेखा कर देगा. क्या ट्रंप इसे चीन के पीछे हटने के रूप में देखते हैं? इस सवाल पर लेविट ने कहा कि चीन पर टैरिफ दर 145 प्रतिशत के स्तर पर बनी हुई है. राष्ट्रपति ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जब अमेरिका पर हमला होगा, तो वह और भी ताकत से जवाब देंगे.
75 से अधिक देशों ने किया संपर्क
लेविट ने अपने बयान में कहा कि 75 से अधिक देशों ने टैरिफ के बारे में बात करने के लिए अमेरिकी प्रशासन से संपर्क किया है. 75 से अधिक देशों ने अब ट्रंप प्रशासन से संपर्क किया है, जो उन व्यापार मुद्दों को संबोधित करने के लिए उत्सुक हैं, जिन्होंने अमेरिका का शोषण किया है और इस प्रक्रिया में हमारे श्रमिकों को चोट पहुंचाई है.
राष्ट्रपति ट्रंप ने दी राहत
इन देशों ने राष्ट्रपति ट्रंप की चेतावनी का समझदारी से पालन किया कि वे जवाबी कार्रवाई न करें, और इसकी वजह से, उन्हें 90 दिन की रोक और इस अवधि के दौरान काफी कम पारस्परिक टैरिफ दरों के साथ राहत दी गई, ताकि संभावित समाधान के रास्ते निकाले जा सकें.
क्या है ट्रंप का मकसद?
लेविट ने कहा कि ट्रंप की सामान्य रणनीति मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और जीवन की लागत को कम करने के लिए टैरिफ का उपयोग करना था. इसलिए राष्ट्रपति इनको बढ़ाकर अमेरिका में धन वापस लाना चाहते हैं, जिसके बाद अमेरिकी जनता के लिए अच्छी तनख्वाह वाली नौकरियां मिलेंगी. इसलिए अमेरिकियों को उस प्रक्रिया पर भरोसा करना चाहिए. उन्होंने अपने पहले कार्यकाल में प्रभावी ढंग से टैरिफ लागू किए और इस देश में रहने की लागत को कम किया. और, यही वह काम है जिस पर वह फिर से ध्यान दे रहे हैं.
रेसिप्रोकल टैरिफ का ऐलान
बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्रंप ने 2 अप्रैल को भारत, चीन समेत कई दूसरे देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ का ऐलान किया था. लेकिन अब उन्होंने भारत समेत कुछ देशों को 90 दिनों के लिए टैरिफ से राहत दी है. दूसरी ओर अमेरिका चीन पर टैरिफ बढ़ा रहा है. साथ ही चीन भी अमेरिका पर टैरिफ की दरों में बढ़ोतरी कर रहा है. ऐसे स्थिति में व्हाइट हाउस की ओर से चीन के साथ ट्रेड डील की बात सामने आने के बाद से राहत मिलती नजर आ रही है.