अभीजित मुहूर्त में 101 वैदिक आचार्य की मौजूदगी में होगा कार्यक्रम 

अयोध्या। प्रभु राम की नगरी अयोध्या में स्थित राम मंदिर में द्वितीय प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन शुरू हो गया है। 5 जून को गंगा दशहरा के मौके पर अभीजित मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम पूरा होगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने बताया कि मंदिर परिसर के प्रथम तल पर स्थित राम दरबार और अन्य देवी-देवताओं के 5 मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा 3 से 5 जून के बीच संपन्न होगी। मुख्य कार्यक्रम 5 जून को किया जाएगा, जब सभी देवी देवता अपने अपने भवन में विराजमान हो जाएगें। बता दें कि इससे पहले साल 2024 में 22 जनवरी को प्रभु श्रीराम बाल स्वरूप में स्थापित हुए थे। अब दूसरी प्राण-प्रतिष्ठा में भगवान राम राजा के रूप में स्थापित किए जाएंगे। 
राम दरबार सहित अन्य 7 देवी देवताओं की प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त कांची कामकोटि शंकराचार्य स्वामी विजयेन्द्र सरस्वती ने निकाला था। उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा के लिए गंगा दशहरा के दिन 5 जून को सर्वश्रेष्ठ बताया। इस दिन दोपहर 11 बजकर 25 मिनट पर निर्धारित किया गया है। इसके पश्चात लगभग एक बजे भोग आरती संपन्न होगी। यह आयोजन वैदिक विधानों के अनुरूप तीर्थराज प्रयाग, काशी, देवप्रयाग, हरिद्वार, अयोध्या और अन्य धार्मिक स्थलों से आमंत्रित 101 ऋत्विजों की उपस्थिति में संपन्न होगा। 
बता दें कि 5 जून को गंगा दशहरा का पावन पर्व भी है और संयोगवश यह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जन्मदिन भी है। पूरे आयोजन में वैदिक रीति से पूजा-पाठ कराने के लिए देशभर से आए कुल 101 वैदिक आचार्य भाग ले रहे है। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रमों की शुरुआत प्रतिदिन प्रातः 6:30 बजे से हो रही है। 
जिन मूर्तियों की स्थापना होगी, उनका पंचगव्य से स्नान करवाकर शुद्धिकरण किया जा चुका है। दरअसल मूर्ति को छेनी, हथौड़े से तराशा जाता है, जिससे उन पर चोट लगती है। चोट लगने की वजह से मूर्तियों से माफी मांगी जाती है। इसलिए वैदिक विधि विधान के साथ मूर्तियों का शुद्धिकरण होता है। अब 5 जून दिन गुरुवार को नियम व संयम के साथ प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम पूरा होगा।