राजधानी जयपुर में वायरल फीवर की दस्तक, अस्पतालों में बच्चों की भीड़ बढ़ी

Viral Fever: राजधानी जयपुर में गर्मी और उमस के बीच मौसम में लगातार हो रहे उतार-चढ़ाव का सीधा असर लोगों की सेहत पर दिखाई दे रहा है। एसएमएस, जेके लोन और जयपुरिया सहित अन्य सरकारी व निजी अस्पतालों की मेडिसिन ओपीडी में मरीजों की संख्या में 20 से 30 प्रतिशत तक बढ़ोतरी दर्ज की गई है। अधिकांश मरीज वायरल फीवर, गले में संक्रमण, तेज खांसी, सर्दी-जुकाम, सिरदर्द, पीलिया और निमोनिया जैसी समस्याओं से पीड़ित हैं।
चिकित्सकों के अनुसार, इन दिनों कोरोना संक्रमण के भी कुछ मामले सामने आए हैं। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। वर्तमान में जो वैरिएंट सक्रिय हैं, वह अपेक्षाकृत हल्के हैं। जांच केवल उन्हीं लोगों को करानी चाहिए, जिनमें लक्षण स्पष्ट हों या चिकित्सक सलाह दें।
वायरल फीवर से कैसे करें बचाव
-साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
-बाहर निकलते समय मास्क पहनें और भीड़ से बचें।
-खूब पानी पिएं और घर का बना ताजा भोजन ही करें।
-बुखार या संक्रमण के लक्षण दिखें तो डॉक्टर से तुरंत परामर्श लें।
-बिना डॉक्टर की सलाह के दवा न लें।
बच्चों में निमोनिया और कूकर खांसी के मामले बढ़े
वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक गुप्ता ने बताया कि बच्चों में वायरल फीवर, निमोनिया, पीलिया, टायफाइड और कूकर खांसी के मामले बढ़ रहे हैं। खासकर पीलिया के केस चिंताजनक हैं। कूकर खांसी से उबरने में बच्चों को तीन से चार सप्ताह तक लग रहे हैं। उन्होंने अभिभावकों को बच्चों के खान-पान और साफ-सफाई को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी।
‘वायरल संक्रमण और लू के मामले बढ़े’
एसएमएस अस्पताल के मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ आचार्य डॉ. सीएल नवल ने बताया कि कभी तेज धूप तो कभी अचानक बारिश, मौसम में हो रहे तीव्र बदलावों की वजह से वायरल संक्रमण और लू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। तापमान में असंतुलन के कारण हर आयु वर्ग के मरीज बीमार हो रहे हैं। अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की संख्या दो हजार से बढ़कर करीब 3,500 प्रतिदिन पहुंच गई है। हालांकि, अधिकतर मरीज तीन से पांच दिन में ठीक हो रहे हैं। कुछ मरीजों में डायरिया के लक्षण भी देखने को मिले हैं।