छिंदवाड़ा: कहा जाता है कि भारतीय जनता पार्टी चुनाव के साथ-साथ पूरे 5 साल काम करती है और उसके कार्यकर्ता पार्टी गतिविधियों से संबंधित काम में जुटे रहते हैं. वहीं कांग्रेस और दूसरी पार्टियां चुनाव के नजदीक आने पर सक्रिय होती हैं. भारतीय जनता पार्टी के तरीके शायद पूर्व सीएम कमलनाथ को भी पसंद आ रहे हैं क्योंकि अब वह भी उसी की तर्ज पर काम करते नजर रहे हैं. कमलनाथ हर महीने छिंदवाड़ा का दौरा कर रहे हैं साथ में उनके बेटे पूर्व सांसद नकुलनाथ भी रहते हैं. इसके साथ ही वह लगातार पार्टी गतिविधियों पर नजर भी रख रहे हैं.

हर महीने संगठन की बैठकों के साथ ग्रामीण इलाकों में कर रहे दौरे

पूर्व सीएम कमलनाथ हर महीने कम से कम तीन दिन छिंदवाड़ा शहर में बिता रहे हैं. उनके साथ उनके बेटे पूर्व सांसद नकुलनाथ रहते हैं. इस दौरान कांग्रेस पार्टी के संगठनों की लगातार बैठक लेने के साथ-साथ उन ग्रामीण इलाकों का भी दौरा करते हैं जहां पर उनका फिक्स वोट बैंक है. नकुलनाथ भी लगातार छिंदवाड़ा जिले के अलग-अलग सामाजिक और सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं.

बदल रहा है राजनीति का दौरा इसलिए तौर तरीकों में आ रहा है बदलाव

वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक गोविंद चौरसिया का कहना है "एक दौर था जब कमलनाथ की राजनीति छिंदवाड़ा जिले सहित प्रदेश और देश में चरम पर हुआ करती थी. उस दौरान कमलनाथ कभी-कभी ही छिंदवाड़ा आया करते थे. जब वह छिंदवाड़ा आते थे तो हर तरफ चर्चाओं का दौर होता था. लेकिन अब राजनीति करने का तरीका बदल गया है. जनता के बीच में नेताओं को रहना जरूरी है और यह परिपाटी भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने शुरू की थी."

"शिवराज बार-बार मध्य प्रदेश में कहीं पर भी दौरे कर लेते थे. अगर नेता जनता के बीच में नहीं होता है तो जनता भी उसको भुलाने में ज्यादा देर नहीं करती है. छिंदवाड़ा सांसद विवेक बंटी साहू जब से चुनाव जीत कर आए हैं वह लगातार लोकसभा क्षेत्र में सक्रिय हैं और जनता से लगातार रूबरू हो रहे हैं. ऐसे में अगर भारतीय जनता पार्टी से मुकाबला करना है तो कमलनाथ और उनके बेटे को भी जनता के बीच रहना पड़ेगा. शायद इसीलिए कमलनाथ ने अपनी रणनीति बदली और वे लगातार छिंदवाड़ा में सक्रिय नजर आ रहे हैं."

कांग्रेस का कहना- कमलनाथ का राजनीतिक नहीं पारिवारिक नाता

छिंदवाड़ा जिले के बदले हुए राजनीतिक समीकरणों को लेकर कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष विश्वनाथ ओकटे ने कहा " कमलनाथ का छिंदवाड़ा से राजनीतिक रिश्ता नहीं बल्कि पारिवारिक रिश्ता है. वह यहां की जनता को अपना परिवार मानते हैं. पहले वह केंद्रीय मंत्री हुआ करते थे और बाद में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री, इसलिए छिंदवाड़ा आना कम होता था लेकिन लगातार पार्टी कार्यकर्ता और उनके लोग छिंदवाड़ा की जनता से संपर्क में रहते थे. चूंकि अब हम विपक्ष में हैं इसलिए उनके पास जितना भी समय बचता है, वह सीधे छिंदवाड़ा आते हैं और यहां की जनता के साथ समय बिताते हैं."

बीजेपी ने कहा- छिंदवाड़ा को पिकनिक स्पॉट मानते हैं कमलनाथ

वहीं इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के जिला प्रवक्ता संदीप सिंह चौहान का कहना है "42 साल तक छिंदवाड़ा में कमलनाथ ने राजनीति की और यहां की जनता को बरगलाया. जब यहां की जनता को उनकी असलियत समझ में आई तो उन्हें वापस पहुंचा दिया. वह छिंदवाड़ा से पारिवारिक रिश्ते की बात तो करते हैं लेकिन यह उनका दिखावा है. जब वे दिल्ली और विदेशों से ऊब जाते हैं तो कुछ दिनों के लिए पिकनिक समझ कर छिंदवाड़ा आ जाते हैं. असल समाज सेवा तो भारतीय जनता पार्टी करती है जिनके सांसद और हरेक कार्यकर्ता लगातार जनता से संपर्क में है."