सिद्धू मूसेवाला के पिता का बड़ा फैसला, 2027 में बनेंगे मानसा से उम्मीदवार

पंजाब के मशहूर सिंगर रहे सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह ने सियासत में उतरने का ऐलान कर दिया है. मंगलवार को मनसा में कांग्रेस की ‘संविधान बचाओ रैली’ में बलकौर सिंह ने कहा कि वह अपने बेटे को इंसाफ दिलाने के लिए 2027 में पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. साथ ही उन्होंने मानसा विधानसभा सीट से अपनी किस्मत आजमाने की घोषणा भी कर दी है.
मानसा में 29 मई 2022 को सिद्धू मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस घटना ने दुनिया भर के उनके प्रशंसकों, शुभचिंतकों को झकझोर दिया था. सिद्धू मसेवाला की हत्या का असर साफतौर पर पंजाब की सियासत पर दिखाई दिया था. मूसेवाला हत्याकांड के एक महीने के बाद 23 जून, 2022 को संगरूर संसदीय सीट पर हुए उपचुनाव में आम आदमी पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा था.
सिद्धू मूसेवाला की तीसरी बरसी से ठीक पहले उनके पिता बलकौर सिंह ने आगामी विधानसभा चुनाव में मानसा सीट से उतरने का ऐलान करके पंजाब की सियासी तपिश को बढ़ा दिया है. मूसेवाला के पिता के चुनाव लड़ने से सिर्फ मानसा ही नहीं बल्कि मालवा बेल्ट में भी सियासी प्रभाव पड़ेगा?
मूसेवाला के पिता ने ठोकी चुनावी ताल
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग भी मौजूदगी में बलकौर सिंह ने चुनाव लड़ने का ऐलान किया, जिसका उन्होंने स्वागत किया. बलकौर सिंह ने कहा कि वह अपने बेटे सिद्धू मूसेवाला की हत्या के लिए न्याय की मांग को और मजबूत करने के लिए यह कदम उठा रहे हैं. बलकौर सिंह ने भगवंत मान के अगुवाई वाली AAP की सरकार पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि पंजाब में हर रोज हत्या, लूट हो रही है. अपराधी बिना किसी डर के घूम रहे हैं.
बलकौर सिंह ने मुख्यमंत्री भगवंत मान पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने गैंगस्टर गोल्डी बराड़ की गिरफ्तारी कराने का आश्वासन दिया था, लेकिन वह अभी तक पकड़ा नहीं जा सका है. मूसेवाला की हत्या के कई अन्य आरोपी भी अभी तक पुलिस की पकड़ से बाहर हैं. बलकौर ने कहा कि मेरा बेटा पंजाब ही नहीं देश का गौरव था, लेकिन उसकी हत्या के बाद हमें न्याय नहीं मिला. उन्होंने आगे कहा कि मैं 2027 में मानसा से चुनाव लड़ूंगा, ताकि सिस्टम में रहकर अपने बेटे के लिए न्याय की लड़ाई तेज कर सकूं.
मूसेवाला वाली की सीट से लड़ेंगे चुनाव
पंजाब के 2022 विधानसभा चुनाव में सिद्धू मूसेवाला ने मानसा सीट से कांग्रेस के टिकट पर किस्मत आजमाया था, लेकिन जीत नहीं सके थे. उन्हें आम आदमी पार्टी के नेता विजय सिंगला ने हराया था. हालांकि, सिद्धू मूसेवाला काफी लोकप्रिय थे, लेकिन मृत्यु के बाद उनकी लोकप्रियता और भी बढ़ गई. मूसेवाला की हत्या के बाद 2027 में अगला विधानसभा चुनाव होगा, इससे पहले विधानसभा चुनाव में मूसेवाला फैक्टर ने बहुत असर डाला था.
अब उनके पिता बलकौर सिंह ने भी उसी मानसा सीट से चुनाव लड़ने का दावा ठोका है, जहां से मूसेवाला ने अपनी सियासी पारी का आगाज किया था. बलकौर के चुनाव लड़ने के ऐलान से पंजाब की राजनीति में एक नया मोड़ आ सकता है.
सहानुभूति का मिलेगा सियासी लाभ
सिदधू मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह ने कांग्रेस से चुनाव लड़ने की घोषणा की है, जिसे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने हरी झंडी भी दे दी. मूसेवाला की हत्या का दर्द अब भी युवा वर्ग में है और मूसेवाला के प्रति नौजवानों का लगाव किसी से छिपा नहीं है. मूसेवाला फैक्टर से पंजाब खासकर मालवा की सियासत इस बार भी प्रभावित होगी. कांग्रेस ने संविधान बचाओ रैली में मूसेवाला की हत्या के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया और सत्ताधारी पार्टी आम आदमी पार्टी को जमकर घेरा भी. इतना ही नहीं मूसेवाला के पिता ने अपने बेटे के इंसाफ के लिए चुनाव लड़ने का ऐलान किया है, उससे उन्हें सहानुभूति का लाभ मिलने के साथ-साथ कांग्रेस को लिए मुफीद माना जा रहा है.
बता दें कि सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के एक महीने बाद 23 जून, 2022 को संगरूर संसदीय सीट पर हुए उपचुनाव में आम आदमी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था. यहां से शिरोमणि अकाली दल अमृतसर के सिमरनजीत सिंह मान ने जीत हासिल की थी. इसकी सबसे अहम वजह नौजवान वर्ग में मूसेवाला की हत्या को लेकर सरकार के प्रति नाराजगी मानी गई. इसके बाद 2024 के पंजाब में लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को तगड़ा झटका लगा था और कांग्रेस को सियासी लाभ मिला था. ऐसे में 2027 के विधानसभा चुनाव में मूसेवाला के पिता जब खुद कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे तो सियासी तस्वीर ही अलग होगी.
मालवा बेल्ट पर पड़ेगा सियासी असर
राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो बलकौर सिंह के चुनाव लड़ने से सिद्धू मूसेवाला का मामला एक बार फिर मालवा की सियासत को प्रभावित करेगा. इसकी अहम वजह ये है कि सिद्धू मूसेवाला को लेकर नौजवान वर्ग में जबरदस्त क्रेज बरकरार है और पंजाब के युवा वर्ग अपने गाड़ियों पर मूसेवाला के स्टिकर, पोस्टर और झंडे चिपकाए रहते हैं. इसके अलावा पंजाब में सिद्धू मूसेवाला की तस्वीर वाली टी-शर्ट पहने युवाओं को देखा जा सकता है.
मालवा की संगरूर, बठिंडा, फरीदकोट, पटियाला जिले की विधानसभा सीटों पर सिद्धू मूसेवाला की सहानुभूति का लाभ कांग्रेस को मिल सकता है. मालवा क्षेत्र में मूसेवाला का असर भी दिख चुका है. 2024 के लोकसभा चुनाव में सोशल मीडिया पर बलकौर सिंह के अपने बेटे की हत्या और इसकी जांच के बारे में राहुल गांधी से बातचीत करने वाले वीडियो खूब शेयर किए गए थे. अब जब वो खुद ही चुनाव में उतर रहे हैं तो कांग्रेस इसे भुनाने की कोशिश करेगी.
बलकौर सिह ने यह बता दिया है कि भगवंत मान की सरकार में कानून व्यवस्था पूरी तरह फेल हो चुकी है और उनके बेटे को अभी तक इंसाफ नहीं मिल सका है, जिसके लिए उन्होंने चुनाव लड़ने का फैसला लिया है. उनका कहना है कि सिद्धू मूसेवाला की हत्या का इंसाफ तभी मिलेगा, जब कांग्रेस सत्ता में आएगी. वैसे भी चुनाव और मतदान मुद्दों और भावनाओं से जुड़े होते हैं. मूसेवाला अभी भी लोगों