भारत मौसम विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून अपनी सामान्य तारीख से 16 दिन पहले मुंबई पहुंच गया है और 1950 के बाद से पहली बार इसका इतनी जल्दी आगमन हुआ है. जिसके साथ ही मई में सबसे ज्यादा बारिश का 107 साल का रिकॉर्ड टूट गया. वहीं बारी बारिश की वजह से बिगड़े हालातों के बीच आईएमडी ने रेड अलर्ट जारी किया है.

मौसम विभाग ने मंगलवार (27 मई) यानी आज और भी भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की है. आईएमडी ने पूर्वानुमान के साथ कहा कि मुंबई, ठाणे समेत आसपास के इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है.

हाई टाइड का अलर्ट
बता दें कि मुंबई में सोमवार रात 11 बजे 4.1 मीटर की हाई टाइड समुद्र में आया. जिसके बाद लगभग 13 फीट ऊंची लहरें समुद्र में उठती दिखाई दीं. इसकी वजह से मुंबई और आसपास के जिलों में जोरदार बारिश फिर शुरू हो गई. रायगढ़, ठाणे और पालघर में भी बारिश हुई. मुंबई को लेकर मौसम विभाग ने पहले ही अलर्ट जारी किया था. सोमवार दिनभर मुंबई में जोरदार बारिश हुई, जिससे जगह-जगह पानी भर गया.

वहीं वर्ली मेट्रो स्टेशन में भी पानी भरने का वीडियो सामने आया था. IMD ने अलर्ट जारी करते हुए कहा था कि अभी दो दिनों तक बारिश से राहत मिलने वाली नहीं है. बताया जा रहा है कि मुंबई में मई के महीने में हुई बारिश ने 107 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है.

मौसम विभाग ने बताया है कि आज (मंगलवार) दोपहर 12 बजकर 14 मिनट पर 4.92 मीटर की पहली हाई टाइड समुद्र में आएगी. इस दौरान 15 फीट की ऊंची लहरें समुद्र में उठ सकती हैं. वहीं आज रात 11 बजकर 54 मिनट पर 4.08 मीटर की हाई टाइड आएगी. ऐसे में आज का दिन भी मुंबई और आसपास के जिलों के लिए मुसीबत भरा हो सकता है.

तीन दिनों में मुंबई पहुंचेगा मानसून
हर साल बेसब्री से इंतजार किए जाने वाला मानसून इस बार रविवार (25 मई) को दक्षिण कोंकण क्षेत्र में दाखिल हो गया है. मौसम विभाग की जानकारी के अनुसार, मानसून की उत्तर सीमा अब महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के देवगढ़ तक पहुंच चुकी है. अनुमान है कि अगले तीन दिनों के भीतर मानसून मुंबई में दस्तक देगा.

इस साल मानसून ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह में समय से एक हफ्ते पहले और फिर केरल में भी तय तारीख से पहले दस्तक दी. इसके बाद रविवार को मानसून ने तेज गति से आगे बढ़ते हुए कर्नाटक की तटीय रेखा और गोवा को पार कर महाराष्ट्र में प्रवेश किया है. देवगढ़ तक इसकी पहुंच हो चुकी है.

अब जब मानसून दक्षिण कोंकण में पहुंच गया है, तो इसके मध्य अरब सागर से होते हुए मुंबई तक पहुंचने के लिए अनुकूल परिस्थितियां बन चुकी हैं. मौसम विभाग का कहना है कि अगले तीन दिनों में मानसून न सिर्फ मुंबई, बल्कि पूरे कोंकण क्षेत्र को कवर करेगा, यानी 30 मई या 1 जून तक मानसून मुम्बई में दाखिल हो सकता है.

मेट्रो स्टेशन में भरा पानी
मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (एमएमआरसी) को भूमिगत आचार्य अत्रे चौक स्टेशन पर पानी भरने की सूचना मिलने के बाद परिचालन स्थगित करना पड़ा. मेट्रो स्टेशन के अंदर जलभराव से 33 किलोमीटर लंबे कोलाबा-बीकेसी-आरे जेवीएलआर भूमिगत मेट्रो कॉरिडोर पर भूमिगत मेट्रो स्टेशन के निर्माण की गुणवत्ता एवं मानसून की तैयारियों को लेकर चिंताएं पैदा हो गई हैं.

हफ्ते भर बारिश का अनुमान
मुंबई, ठाणे और पालघर जिलों के लिए भारतीय मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है, जबकि रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. हालांकि, 29 मई के बाद बारिश की तीव्रता में कुछ कमी आने की संभावना जताई गई है. मुंबई और उपनगरों में अगले दो दिनों तक आसमान में घने बादल छाए रहने और कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ मध्यम से भारी बारिश होने का अनुमान है. मौसम विभाग ने नागरिकों को सतर्क रहने की अपील की है.

16 साल बाद जल्दी पहुंचा मानसून
बता दें कि मानसून ने शनिवार को केरल में दस्तक दी, जो 2009 के बाद से भारत की मुख्य भूमि पर इतनी जल्दी इसका पहली बार आगमन है. उस साल मानसून 23 मई को केरल में पहुंचा था. दक्षिण-पश्चिम मानसून आमतौर पर एक जून तक केरल में प्रवेश करता है, 11 जून तक मुंबई पहुंचता है और 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है. यह 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से लौटना शुरू कर देता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से लौट जाता है.

मुंबई में कब-कब आया मानसून
आईएमडी के मुंबई कार्यालय के अनुसार, 1950 से उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि मुंबई में मानसून का इतना जल्दी पहली बार आगमन हुआ है. पिछले साल मानसून 25 जून को मुंबई पहुंचा था. इससे पहले के वर्षों में, यह 2022 में 11 जून, 2021 में 9 जून, 2020 में 14 जून और 2019 में 25 जून को पहुंचा था.

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मानसून के आगमन की तारीख का कुल मौसमी वर्षा से कोई सीधा संबंध नहीं है. केरल या मुंबई में जल्दी या देर से आने वाले मानसून का मतलब यह नहीं है कि यह देश के अन्य हिस्सों में भी जल्दी पहुंच जाएगा. यह बड़े पैमाने पर परिवर्तनशीलता और वैश्विक, क्षेत्रीय और स्थानीय विशेषताओं पर निर्भर करता है.