पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने बुधवार को पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया और निर्देश दिया कि कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा (Pratap Singh Bajwa Statement) को उनके 'पंजाब में 50 बम पहुंच चुके हैं' वाले बयान के संबंध में अगली सुनवाई की तारीख 22 अप्रैल तक गिरफ्तार न किया जाए।

बाजवा ने अपने बयान को लेकर अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

बाजवा के खिलाफ कई गंभीर आरोपों के तहत दर्ज किया गया मामला
कांग्रेस नेता के वकील एपीएस देओल ने सुनवाई के बाद संवाददाताओं को बताया कि अदालत ने पंजाब को अगली सुनवाई की तारीख 22 अप्रैल तक बाजवा को गिरफ्तार न करने का निर्देश दिया है। पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता बाजवा पर देश की संप्रभुता और एकता को खतरे में डालने वाली भ्रामक जानकारी सहित कई आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया है।

उनसे उनके 'पंजाब में 50 बम पहुंच चुके हैं' के दावों पर पूछताछ की गई। उन पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 197(1)(डी) (देश की संप्रभुता और एकता को खतरे में डालने वाली झूठी और भ्रामक जानकारी) और 353(2) (शत्रुता और घृणा या दुर्भावना पैदा करने के इरादे से झूठे बयान) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

FIR रद्द करवाने की मांग करते हुए दायर की थी याचिका
बाजवा ने अपने वकील के माध्यम से अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग करते हुए याचिका दायर की है। देओल ने कहा कि हमने एफआईआर को चुनौती दी है और राज्य से धाराओं की स्थिरता पर याचिका का जवाब देने को कहा गया है। वकील ने यह भी कहा कि बाजवा को मामले के संबंध में सार्वजनिक बयान न देने के लिए भी कहा गया है।

देओल ने कहा कि मंगलवार को पूछताछ के दौरान बाजवा ने पुलिस के साथ सहयोग किया। बाजवा के खिलाफ मोहाली के साइबर क्राइम थाने में मामला दर्ज किया गया है।

ये है पूरा मामला
दरअसल,बाजवा ने दावा किया था कि उन्हें पता चला है कि पंजाब में 50 बम पहुंच चुके हैं। इनमें से 18 फट चुके हैं, 32 अभी फटने बाकी हैं। मंगलवार को मोहाली में पुलिस के सामने पेश हुए बाजवा  से पुलिस ने उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर के सिलसिले में करीब छह घंटे तक पूछताछ की।

उन्होंने अपनी पूछताछ को 'निरंतर पूछताछ' करार दिया और कहा कि राज्य की आप सरकार द्वारा उन्हें निशाना बनाना 'राजनीतिक प्रतिशोध' है।