केंद्र सरकार बुधवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश करेगी. विपक्ष और मुस्लिम संगठन इस बिल का विरोध कर रहे हैं. इस खेमे में शिरोमणि अकाली दल भी शामिल है. पार्टी की कहना है कि वोटिंग के मुद्दे पर हरसिमरत कौर बादल संसद में ही स्टैंड क्लियर करेंगी. शिरोमणि अकाली दल का कहना है कि जिस तरह से मुस्लिम समुदाय से चर्चा किए बिना संसद में वक्फ बिल पेश किया जा रहा है, वो हैरान करने वाला है. शिरोमणि अकाली दल इस बिल में वक्फ बोर्ड के सदस्यों की संख्या बढ़ाकर उन्हें सरकारी नियंत्रण में लेने के अलावा गैर मुस्लिमों को भी सदस्य नियुक्त करने का प्रस्ताव है, ये सही नहीं है. इससे पहले अकाली दल ने तख्त श्री हजूर साहिब और श्री पटना साहिब कमेटियों में सरकारी प्रतिनिधियों को शामिल करने का विरोध किया था. पार्टी का कहना है कि अगर वक्फ बिल लाया भी जा रहा है तो इससे पहले मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों से बातचीत करके आम राय बनाने चाहिए थी.

सरकार वक्फ बोर्ड पर नियंत्रण करने का प्रयास कर रही

ताकि ये संदेश ना जाए कि केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड पर सरकारी नियंत्रण करने का प्रयास कर रही है. मुस्लिम समुदाय को हक है कि वो अपने धार्मिक स्थलों से जुड़े मुद्दों को लेकर अपनी राय दें. शिरोमणि अकाली दल ने वक्फ बिल को सिखों के तख्त श्री पटना साहिब और श्री नांदेड़ साहिब के मैनेजमेंट में राज्य सरकारों के नुमाइंदे शामिल किए जाने के विवाद से जोड़ा. हालांकि शिरोमणि अकाली दल की पंजाब लीडरशिप ने लोकसभा में वोटिंग के मुद्दे पर अपने पत्ते फिलहाल नहीं खोले हैं. लोकसभा में पार्टी की इकलौती सांसद हरसिमरत कौर बादल मौके पर फैसला करेंगी कि वो बिल के खिलाफ वोट करेंगी या वोटिंग के दौरान अनुपस्थित रहेंगी. उधर,ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भाजपा के सहयोगी दलों समेत सभी धर्मनिरपेक्ष दलों से अपील की कि वो वक्फ विधेयक का विरोध करें.